एनएसएफ़डीसी की स्थापना भारत सरकार द्वारा 08 फरवरी, 1989 में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसएफ़डीसी) के नाम से की गयी थी। इसकी  स्थापना  कंपनी आधनियम 2013 की धारा 8 के अधीन रूप पूर्ण स्वामित्व वाले उपक्रम के रूप में की गई।

इसको गरीबी रेखा के दुगुने से नीचे जीवन-यापन करने वाले व्यक्तियों को वित्तीय सहायता  प्रदान करना, आर्थिक सशक्तिकरण के लिए निधियाँ जुटाना तथा उनकी ब्यवस्था करने का कार्य सौंपा गया है। यह संबंधित राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों द्वारा नामित राज्य   सरणी अभिकरणों के माध्यम से  लक्ष्य समूह को आय सृजक योजनाओं के लिए  वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

इसका प्रबंधन एक निदेशक मंडल द्वारा किया जाता है जिसमें केन्द्रीय सरकार, राज्य अनुसूचित जाति विकास निगमों, वित्तीय संस्थाओं एवं अनुसूचित जातियों का प्रतिनिधित्व  करने वाले गैर-सरकारी सदस्य होते हैं।

द्विविभाजन:

तत्कालीन राष्ट्रीय अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम का दो अलग निगमों (अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों प्रत्येक के लिए एक) में  द्विभाजन की घोषणा संबंधी भारत सरकार के आदेशों के परिणामस्वरूप, नेशनल शेडयूल्ड कास्ट्स फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन अब दिनांक 10.04.2001 से अनन्य रूप से अनुसूचित जातियों के विकास के लिए कार्य कर रहा है।

इसे गरीबी रेखा के दुगुने (डीपीएल) से कम [वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र में वार्षिक पारिवारिक आय रु.98,000/-और शहरी क्षेत्र में रु.1,20,000/- है] पर जीवन-यापन करने वाले व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना, आर्थिक सशक्तिकरण के लिए निधियाँ जुटाना तथा उनकी व्‍यवस्था करने का कार्य सौंपा गया है। यह संबंधित राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों और अन्‍य चैनल भागीदारों जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, एनबीएफसी-एमएफआई, झारक्राफ्ट, नेडफी इत्‍यादि द्वारा नामित राज्य चैनलाइजिंग एजेंसियों (एससीए) के माध्यम से लक्ष्य समूह को आय अर्जक योजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

इसका प्रबंधन एक निदेशक मंडल द्वारा किया जाता है जिसमें केंद्रीय सरकार, राज्य अनुसूचित जाति विकास निगमों, वित्तीय संस्थाओं एवं अनुसूचित जातियों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी सदस्य होते हैं।

शेयर पूँजी

दिनांक 31.03.2016 की स्थिति में एनएसएफडीसी की प्राधिकृत अंश पूंजी रुपए 1,500.00 करोड़ और प्रदत्त अंश पूंजी रुपए 1081.80 करोड़  है ।

दृष्टि

गरीबी रेखा के दुगुने से कम पर जीवन-यापन करने वाले अनुसूचित जाति के व्‍यक्तियों के सामाजिक-आर्थिक विकास के माध्‍यम से सुव्‍यवस्थित प्रकार से गरीबी को कम करने के लिए, चैनलाइजिंग एजेंसियों और अन्य विकास भागीदारों के साथ प्रभावी, उत्तरदायी और सहयोगात्‍मक तरीके से प्रमुख उत्‍प्रेरक के रूप में कार्य करना। 

लक्ष्‍य

वित्‍तीय सहायता के प्रवाह में सुधार और कौशल विकास एवं अन्‍य नवीन पहलों के माध्‍यम से अनुसूचित जातियों की समृद्धि को बढ़ाने में सहायता करना।

उद्देश्‍य

  • अनुसूचित जाति की आबादी के लिए ट्रेडों और अन्य महत्वपूर्ण आर्थिक कार्यों की पहचान करना।
  • कौशल और अनुसूचित जाति के लोगों द्वारा उपयोग की प्रक्रिया को उन्नत बनाना ।
  • छोटे, कुटीर और ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देना ।
  • अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के उत्थान और आर्थिक कल्याण के लिए विशेष कार्यक्रमों को वित्त पोषित करना ।
  • अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के आर्थिक हित के लिए वित्तीय सहायता के प्रवाह में सुधार करना।
  • लक्ष्य समूह को अपनी परियोजना स्थापित करने के लिए परियोजना तैयार करने, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता के लिए मदद करना ।
  • भारत और विदेश में पूर्णकालिक व्यावसायिक/तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने के लिए अनुसूचित जाति के पात्र छात्रों को ऋण देना ।
  • पात्र युवाओं को उनके कौशल को बढ़ाने के लिए भारत में वोकेशनल शिक्षा और प्रशिक्षण कोर्स करने के लिए ऋण देना ।

उक्त उद्देश्‍य के अनुसरण में, आपका निगम राज्य/संघ शासित क्षेत्रों की चैनलाइजिंग एजेंसियों और अन्य चैनल भागीदारों के माध्यम से अनुसूचित जाति के लाभार्थियों को विभिन्न ऋण योजनाओं के अंतर्गत रियायती ब्याज दर पर वित्तीय सहायता दे रहा है और लक्ष्‍य समूह की सहायता के लिए विभिन्न ऋणेत्तर योजनाओं को चला रहा है ।

संशोधित: NSFDC Admin (rakhi.morwal@gov.in)
दिनांक: 27 September, 2016