निधियों का नोशनल आबंटन

आपका निगम, प्रत्‍येक वित्‍तीय वर्ष के आरंभ में, संबंधित राज्‍य/संघ शासित क्षेत्र की अनुसूचित जाति की जनसंख्‍या के अनुपात में राज्‍य चैनलाइजिंग एजेंसियों को निधियाँ नोशनल रूप से आबंटित करता है।

1.9     निधियों के संवितरण के लिए मानक (नॉर्म्‍स)

1.9.1   राज्‍य चैनलाइजिंग एजेंसियों के मानक

राज्‍य चैनलाइजिंग एजेंसियों को निधियों की निर्मुक्ति करने से पहले, निम्‍नलिखित मानकों पर विचार किया जाता है:

  1. गारंटी:

राज्‍य सरकार की गारंटी/बैंक गारंटी/राज्‍य सरकार के आदेशों/राज्‍य सरकार के आश्‍वासनों की पर्याप्‍त उपलब्‍धता।

  1. उपयोगिता स्‍तर:

फरवरी माह के अंत तक, संवितरण के लिए पूर्ववर्ती माह के अंत तक पहले से संवितरित निधियों का कम से कम 80% संचयी उपयोग स्‍तर होना चाहिए तथा मार्च माह में निधियों के संवितरण के लिए पूर्ववर्ती दिन के अंत में संचयी निधियों का उपयोग स्‍तर 80% होना चाहिए।

  1. देयों की चुकौती:

एक वर्ष से अधिक कोई अतिदेय राशि नहीं होनी चाहिए।

उक्‍त मानदंडों का ऋण योजनाओं में संवितरण के मामले में पालन किया जाता है। जहां तक 01.12.2009 से आरंभ शिक्षा ऋण योजना का संबंध है, राज्‍य सरकार गारंटी की उपलब्‍धता और एक वर्ष से अधिक पुराना अतिदेय का न होना, शिक्षा ऋण की मंजूरी के समय सुनिश्चित किया जाता है।

1.9.2 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी)/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) के लिए मानक

एनएसएफडीसी की ऋण नीति के अनुसार, पीएसबी और आरआरबी (चैनलाइजिंग एजेंसियों) को एनएसएफडीसी से निधियों के संवितरण हेतु पात्र बनने के लिए कुछ मानक पूरे करने होते हैं। ये मानक नीचे दिए गए हैं:

  • मांग के भुगतान के समय पूर्व संवितरण की कोई अतिदेय राशियाँ नहीं होनी चाहिए।
  • फरवरी माह के अंत तक, संवितरण के लिए पूर्ववर्ती माह के अंत तक पहले से संवितरित निधियों का कम से कम 80% संचयी उपयोग स्‍तर होना चाहिए तथा मार्च माह में निधियों के संवितरण के लिए पूर्ववर्ती दिन के अंत में संचयी निधियों का उपयोग स्‍तर 80% होना चाहिए।

उपर्युक्‍त के अलावा, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा अपने पूर्ववर्ती वित्‍तीय वर्ष के वार्षिक लेखों के आधार पर निम्‍नलिखित शर्तों को पूरा करना होगा:

  1. निवल गैर-निष्‍पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) संवितरण के वर्ष से पिछले 6 वर्षों में से कम-से-कम 3 वर्षों के दौरान 15% से कम होनी चाहिए।
  2. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) संवितरण के वर्ष से पिछले 6 वित्‍तीय वर्षों में से कम से कम 3 वर्षों के दौरान लाभ में होना चाहिए।
  3. किसी विनियामक निकाय का चूककर्ता नहीं होना चाहिए।
  4. समामेलित/विलय वाली संस्‍थाओं के मामले में, संबंधित प्रायोजक बैंक के पास आरआरबी के प्रमुख भागीदार के पिछले वर्षों के एनपीए मानदंडों पर विचार किया जाएगा।

1.9.3   अन्‍य संगठनों के लिए मानक

            सार्वजनिक क्षेत्र बैंक (पीएसबी) द्वारा जारी एनएसएफडीसी के पक्ष में एनएसएफडीसी के लिए सावधि जमा/बैंक गारंटी/उत्‍तर दिनांकित बहु-शहरीय (मल्‍टीसिटी पोस्‍ट डेटेड) चेक।

1.9.4   एनबीएफसी–एमएफआई के लिए मानक

एनएसएफडीसी की ऋण नीति के अनुसार एनबीएफसी-एमएफआई (चैनलाइजिंग एजेंसियों) को एनएसएफडीसी से निधियों के संवितरण हेतु पात्र बनने के लिए कुछ मानक पूरे करने होते हैं। ये मानक नीचे दिए गए हैं:

  1. पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष के अंत में एक वर्ष से अधिक के लिए एनएसएफडीसी निधियों का उपयोग लंबित नहीं होना चाहिए।   
  1. फरवरी माह के अंत तक, संवितरण के लिए पूर्ववर्ती माह के अंत तक पहले से संवितरित निधियों का कम से कम 80% संचयी उपयोग स्‍तर होना चाहिए तथा मार्च माह में निधियों के संवितरण के लिए पूर्ववर्ती दिन के अंत में संचयी निधियों का उपयोग स्‍तर 80% होना चाहिए।
  1. संवितरण के समय एनएसएफडीसी को अतिदेय राशि भुगतान योग्‍य नहीं होनी चाहिए।
  1. एनबीएफसी-एमएफआई को संवितरण प्रतिभूति की निम्‍नांकित शर्तों के अधीन होगा:-
    • क्‍लस्‍टर मोड के अंतर्गत, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) से गारंटी संवितरित की जाने वाली धनराशि के समतुल्‍य या उत्‍तर दिनांकित चेकों (पीडीसी) के रूप में 50% और पीएसबी से 50% सावधि जमा के रूप में हो। संवितरित की जाने वाली धनराशि के 50% के समतुल्‍य एक पीडीसी अदिनांकित चेक हो।
    •  गैर-क्‍लस्‍टर मोड के अंतर्गत, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक से संवितरित की जाने वाली धनराशि के समतुल्‍य गारंटी/सावधि जमा या 50% तक संबंधित संपत्ति मालिक (मालिकों) की व्‍यक्तिगत/कॉरपोरेट गारंटी के साथ-साथ आवासीय/वाणिज्यिक संपत्ति के बंधक के रूप में और शेष पीएसबी से गारंटी/सावधि जमा के रूप में होनी चाहिए।

1.9.5   सहकारी बैंकों के लिए मानक

एनएसएफडीसी की ऋण नीति के अनुसार सहकारी बैंकों (चैनलाइजिंग एजेंसियों) को एनएसएफडीसी से निधियों के संवितरण हेतु पात्र बनने के लिए कुछ मानक पूरे करने होते हैं। ये मानक नीचे दिए गए हैं:

  • संवितरण के समय एनएसएफडीसी को अदायगी योग्‍य कोई अतिदेय नहीं होना चाहिए।
  • परियोजना आधारित योजनाओं के अंतर्गत फरवरी माह के अंत तक, संवितरण के लिए पूर्ववर्ती माह के अंत तक पहले से संवितरित निधियों का कम से कम 80% संचयी उपयोग स्‍तर होना चाहिए तथा मार्च माह में निधियों के संवितरण के लिए पूर्ववर्ती दिन के अंत में संचयी निधियों का उपयोग स्‍तर 80% होना चाहिए।

उपर्युक्‍त के अलावा, सहकारी बैंकों द्वारा अपने पूर्ववर्ती वित्‍तीय वर्ष के वार्षिक लेखों के आधार पर निम्‍नलिखित शर्तों को पूरा करना होगा:

  • चैनलाइजिंग एजेंसी (एजेंसियों) की पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष की निवल गैर-निष्‍पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) 5% से कम होनी चाहिए।     

अथवा

पिछले 05 वित्तीय वर्षों का औसत निवल गैर-निष्‍पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) 5% से कम होनी चाहिए। इसके अलावा, चैनलाइजिंग एजेंसी (एजेंसियों) का निवल एनपीए इन 05 वर्षों में से, कम से कम 03 वर्षों के लिए प्रत्येक वर्ष 5% से कम होना चाहिए।

  • चैनलाइजिंग एजेंसी (एजेंसियों) का पिछले तीन वर्षों में लगातार लाभ होने का ट्रैक रिकार्ड होना चाहिए।  

अथवा

चैनलाइजिंग एजेंसी (एजेंसियों) को पिछले 05 वित्तीय वर्षों में से कम से कम किसी भी 03 वित्तीय वर्षों में लाभ में होना चाहिए।  

  • चैनलाइजिंग एजेंसी (एजेंसियों) को किसी भी विनियामक निकाय का चूककर्ता नहीं होना चाहिए।   
  • सहकारी बैंक के संबंध में वित्त पोषण संगठन की संतोषजनक साख राय (क्रेडिट ओपिनियन) रिपोर्ट।

1.9.6   सहकारी समितियों के लिए मानक

एनएसएफडीसी की ऋण नीति के अनुसार सहकारी समितियों (चैनलाइजिंग एजेंसियों) को एनएसएफडीसी से निधियों के संवितरण हेतु पात्र बनने के लिए कुछ मानक पूरे करने होते हैं। ये मानक नीचे दिए गए हैं:

  • संवितरण के समय एनएसएफडीसी को अदायगी योग्‍य कोई अतिदेय नहीं होना चाहिए।
  • परियोजना आधारित योजनाओं के अंतर्गत फरवरी माह के अंत तक, संवितरण के लिए पूर्ववर्ती माह के अंत तक पहले से संवितरित निधियों का कम से कम 80% संचयी उपयोग स्‍तर होना चाहिए तथा मार्च माह में निधियों के संवितरण के लिए पूर्ववर्ती दिन के अंत में संचयी निधियों का उपयोग स्‍तर 80% होना चाहिए।
  • उपरोक्‍त के अलावा, सहकारी समितियों द्वारा अपने पूर्ववर्ती वित्‍तीय वर्ष के वार्षिक लेखों के आधार पर निम्‍नलिखित शर्तों को पूरा करना होगा:
  • सहकारी समिति की शेयर पूंजी में केंद्र/राज्‍य सरकार को हित धारक होना चाहिए।
  • केंद्र/राज्‍य सरकार को सहकारी समिति के निदेशक मंडल/शासकीय निकाय में सदस्‍यों का नामित करना चाहिए।
  • चैनलाइजिंग एजेंसी (एजेंसियों) की पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष की निवल गैर-निष्‍पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) 5% से कम होनी चाहिए।     

अथवा

पिछले 05 वित्तीय वर्षों का औसत निवल गैर-निष्‍पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) 5% से कम होनी चाहिए। इसके अलावा, चैनलाइजिंग एजेंसी (एजेंसियों) की निवल गैर-निष्‍पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) इन 05 वर्षों में से, कम से कम 03 वर्षों के लिए प्रत्येक वर्ष 5% से कम होनी चाहिए। 

  •  चैनलाइजिंग एजेंसी (एजेंसियों) का पिछले तीन वर्षों में लगातार लाभ होने का ट्रैक रिकार्ड होना चाहिए।  

अथवा

चैनलाइजिंग एजेंसी (एजेंसियों) को पिछले 05 वित्तीय वर्षों में से कम से कम किसी भी 03 वित्तीय वर्षों में लाभ में होना चाहिए।  

  • चैनलाइजिंग एजेंसी (एजेंसियों) की क्रिसिल के ‘ए’ के समकक्ष पर्याप्‍त सुरक्षा के साख की रेटिंग होनी चाहिए।
  • चैनलाइजिंग एजेंसी (एजेंसियों) को किसी भी विनियामक निकाय का चूककर्ता नहीं होना चाहिए।   
  • चैनलाइजिंग एजेंसी (एजेंसियों) को पिछले तीन वर्षों में किसी बाह्य ऋण के पुनर्भुगतान का चूककर्ता या किसी कॉर्पोरेट ऋण को पुनर्गठन नहीं करना चाहिए।
  • सहकारी समिति के संबंध में वित्त पोषण संगठन की संतोषजनक साख राय (क्रेडिट ओपिनियन) रिपोर्ट होनी चाहिए।

 

संशोधित: Sapan Barua (sapanbarua7@gmail.com)
दिनांक: 05 December, 2022